केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह मंगलवार को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे

 

TNN समाचार : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह, मंगलवार, 24 जून, 2025 को वाराणसी, उत्तर प्रदेश में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे। बैठक में सदस्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ- साथ प्रत्येक राज्य से दो वरिष्ठ मंत्री भाग लेंगे। राज्य सरकार के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में भाग लेंगे। मध्य क्षेत्रीय परिषद में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश राज्य शामिल हैं। यह बैठक गृह मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन अंतर्-राज्य परिषद सचिवालय द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से आयोजित की जा रही है। 

राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 की धारा 15 से 22 के तहत पांच क्षेत्रीय परिषदों की स्थापना की गई थी। केंद्रीय गृह मंत्री इन पांचों क्षेत्रीय परिषदों के अध्यक्ष हैं और सदस्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री/उप-राज्यपाल/प्रशासक इनके सदस्य हैं, जिनमें से सदस्य राज्यों से एक राज्य के मुख्यमंत्री (हर साल बारी-बारी से) उपाध्यक्ष होते हैं। प्रत्येक सदस्य राज्य से राज्यपाल द्वारा 2 मंत्रियों को परिषद के सदस्य के रूप में नामित किया जाता है। प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद ने मुख्य सचिवों के स्तर पर एक स्थायी समिति का भी गठन किया है। राज्यों द्वारा प्रस्तावित मुद्दों को प्रथमतः संबन्धित क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति के समक्ष चर्चा के लिए प्रस्तुत किया जाता है। स्थायी समिति में विचार के बाद शेष बचे मुद्दों को क्षेत्रीय परिषद की बैठक में विचार के लिए प्रस्तुत किया जाता है। 

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने देश के सर्वांगीण विकास के लिए सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद का लाभ उठाने की आवश्यकता पर बल दिया है। मजबूत राज्य ही मजबूत राष्ट्र बनाते हैं की भावना से क्षेत्रीय परिषदें दो या अधिक राज्यों अथवा केंद्र और राज्यों को प्रभावित करने वाले मुद्दों पर संवाद और चर्चा के लिए एक व्यवस्थित तंत्र और इसके जरिये आपसी सहयोग बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करती हैं।

क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकारी हैलेकिन पिछले कुछ वर्षों में ये परिषदें विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग के स्वस्थ बंधन को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई हैं। सभी राज्य सरकारों, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से पिछले ग्यारह वर्षों में में विभिन्न क्षेत्रीय परिषदों और इनकी स्थायी समितियों की कुल 61 बैठकें आयोजित हुईं है।

क्षेत्रीय परिषदें, राष्ट्रीय महत्व के व्यापक मुद्दों पर भी चर्चा करती हैं जिनमें महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच और इनके शीघ्र निपटान के लिए फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों (FTSC) का कार्यान्वयन, प्रत्येक गांव के नियत दायरे में ब्रिक-एंड-मोर्टार बैंकिंग सुविधा, आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली का कार्यान्वयन (ERSS-112) तथा पोषण, शिक्षा, स्वास्थ्य, विद्युत, शहरी प्लानिंग और सहकारिता व्यवस्था के सुदृढीकरण सहित क्षेत्रीय स्तर के सामान्य हित के विभिन्न मुद्दे शामिल हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button