एएमयू छात्रों ने नई दिल्ली में आयोजित पहले भारतीय-रूसी युवा मंच में भाग लिया
टीएनएन समाचार : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सांस्कृतिक शिक्षा केंद्र (सीईसी) के छात्र प्रतिनिधिमंडल ने नई दिल्ली स्थित रूसी भवन में आयोजित पहले भारतीय-रूसी युवा मंच में भाग लिया।
यह मंच रूसी विज्ञान एवं संस्कृति केंद्र, भारत में रूसी संघ के दूतावास और भारत सरकार के युवा मामले एवं खेल मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था। कार्यक्रम ‘रॉसोत्नुद्निचेस्त्वो’ की 100वीं वर्षगांठ, रूस दिवस और युवा दिवस को समर्पित था। इसमें दोनों देशों के युवा नेताओं, विश्वविद्यालय छात्रों, एनजीओ, राजनयिकों और विशेषज्ञों ने कूटनीति, शिक्षा, पर्यावरण और भविष्य के सहयोग जैसे विषयों पर विचार साझा किए।
एएमयू के प्रतिनिधिमंडल में अरहमउल्लाह खान, मोहम्मद सलमान, इन्नामा जहरा, सैयद फहीम अहमद, उफी आलम, अर्शान अली खान, आर्यन प्रताप सिंह, अबीर तारिक और मधीहा नाज दुर्रानी शामिल थे। छात्रों ने पैनल चर्चाओं, समूह कार्यशालाओं और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसी गतिविधियों में सक्रिय भाग लिया।
उद्घाटन सत्र में भारत में रॉसोत्नुद्निचेस्त्वो की प्रमुख ई.एस. रेमिजोवा का मुख्य भाषण हुआ। प्रतिभागियों ने टीम रॉसोत्नुद्निचेस्त्वो की प्रस्तुतियों और वीडियो शोकेस के माध्यम से भारतीय युवाओं के लिए रूस में उपलब्ध अवसरों के बारे में जाना, जिसमें वर्ल्ड यूथ फोरम में भागीदारी के अवसर भी शामिल थे। इसके बाद रूस, क्रेमलिन और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व के 25 वर्षों पर आधारित एक वृत्तचित्र का प्रदर्शन किया गया।
दूसरे दिन की शुरुआत उच्च स्तरीय पैनल चर्चा से हुई, जिसमें भारत में रूसी संघ के राजदूत डेनिस अलीपोव, सांसद तेजस्वी सूर्या, और भारत सरकार के युवा मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव नितेश कुमार मिश्रा शामिल थे। चर्चा का केंद्र बिंदु युवाओं की भागीदारी के माध्यम से भारत-रूस संबंधों को मजबूत करना और भारतीय छात्रों के लिए रूस में अकादमिक व पेशेवर अवसरों का विस्तार करना था।
इसके बाद एक प्लीनरी सत्र हुआ, जिसमें रूस में पढ़े या कार्यरत भारतीय पेशेवरों ने अपने अनुभव साझा किए। “टीअर्स ऑफ अर्थ” फाउंडेशन के साथ एक पर्यावरण-केंद्रित इंटरैक्टिव गतिविधि के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
एएमयू की कुलपति प्रोफेसर नइमा खातून ने छात्रों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की और कहा कि यह विश्वविद्यालय की वैश्विक नागरिकता और युवा कूटनीति के प्रति बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सांस्कृतिक शिक्षा केंद्र के समन्वयक प्रो. मोहम्मद नवेद खान ने प्रतिनिधिमंडल के उत्साह और बौद्धिक सहभागिता की प्रशंसा की।