मुस्लिम फोरम ने बांग्लादेश में हिंदुओं के लिए आवाज़ उठाने के लिए अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की समर्थन किया

मुस्लिम फोरम ने अल्पसंख्यक अधिकारों पर प्रतिनिधि सभा के प्रस्ताव का पूर्ण समर्थन किया

 

टीएनएन समाचार : फोरम फॉर मुस्लिम स्टडीज एंड एनालिसिस, इंडिया (मुस्लिम फोरम) ने बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के समर्थन में एक मजबूत प्रस्ताव पारित करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की प्रशंसा एवं सराहना किया । मुस्लिम फोरम के सेक्रेटरी जनरल एवं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व मीडिया सलाहकार प्रो जसीम मोहम्मद ने बताया कि, मुस्लिम फोरम के प्रस्ताव में, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय द्वारा सामना की जाने वाली हिंसा, अन्याय और जबरन धर्मांतरण और मतांतरण के बारे में गंभीर चिंता जताई गई है।

मुस्लिम फोरम इंडिया का मानना ​​है कि हर धार्मिक समूह के साथ सम्मान और सुरक्षा के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए। हिंदू मंदिरों, दुर्गा पूजा पंडालों और धार्मिक नेताओं पर हमले चिंताजनक हैं। बांग्लादेश में कई हिंदुओं को पिछले कुछ वर्षों में अपने घर छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है और उनकी आबादी 1951 में 22% से घटकर आज केवल 7.95% रह गई है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा इन हमलों को रोकने के लिए कार्रवाई की मांग करके उचित कार्य किया है।

भारत सरकार ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं का समर्थन करने के लिए कड़े कदम उठाए हैं और इस मुद्दे को कूटनीतिक वार्ता और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाया है। मुस्लिम फोरम इस प्रयास की सराहना करता है और प्रतिनिधि सभा से सहमत है कि संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक संगठनों को बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने चाहिए। मुस्लिम फोरम इंडिया, बांग्लादेश के हिंदू समुदाय के साहस की भी प्रशंसा करता है, जो अपने अधिकारों के लिए शांतिपूर्वक लड़ रहा है। भारत और दुनिया भर में कई हिंदू समूहों ने भी अपनी आवाज़ उठाई है, जो एक सकारात्मक कदम है। मुस्लिम फोरम के सेक्रेटरी जनरल प्रो जसीम मोहम्मद ने कहा कि, सभी मानवाधिकार समूहों, धार्मिक नेताओं और अंतरराष्ट्रीय निकायों से एक साथ आने और बांग्लादेश में सभी समुदायों के लिए सुरक्षा, न्याय और समान अधिकार सुनिश्चित करने का आह्वान करता है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है और मुस्लिम फोरम ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के न्याय के लिए इस आह्वान का पूरा समर्थन करता है।

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