मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र, जेएमआई ने किया स्पेसिफिक लर्निंग डिसेबिलिटी पर कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम आयोजित
TNN समाचार : जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई), नई दिल्ली के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) ने 24 से 26 जून, 2025 तक “कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम ऑन स्पेसिफिक लर्निंग डिसेबिलिटी” पर तीन दिवसीय ऑनलाइन शार्ट-टर्म पाठ्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। कार्यक्रम का नेतृत्व प्रो. कुलविंदर कौर, मानद निदेशक, एमएमटीटीसी, जेएमआई ने किया और इसका समन्वय प्रो. भारती शर्मा, प्रोफेसर, टीटी एंड एनएफई (आईएएसई), विभाग एवं मानद निदेशक, जवाहरलाल नेहरू अध्ययन केंद्र (सीजेएनएस), जेएमआई ने किया। पाठ्यक्रम में देश भर के 71 उच्च शिक्षा प्रोफेशनल्स ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस गहन कार्यक्रम ने विशिष्ट शिक्षण अक्षमताओं (एसएलडी) वाले इंडीविजुअल्स की सहायता करने की बारीकियों पर उच्च शिक्षा क्षेत्र के शिक्षकों को संवेदनशील बनने और प्रशिक्षित करने के लिए अग्रणी विशेषज्ञों को एकत्र किया।
इस कोर्स का उद्घाटन मुख्य अतिथि डॉ. डी.के. शर्मा, निदेशक, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया। अपने उद्घाटन भाषण में डॉ. शर्मा ने एमएमटीटीसी की पहल की सराहना की, जिसने समावेशी शैक्षिक प्रैक्टिसेस की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया और उच्च शिक्षा संस्थानों में लर्निंग डिसेबिलिटी वाले छात्रों का प्रभावी ढंग से सहयोग करने के लिए शिक्षकों को सशक्त बनाया।
कोर्स की शुरुआत मूलभूत अवधारणाओं पर दो सत्रों के साथ हुई: पहला सत्र दिल्ली विश्वविद्यालय के वरिष्ठ प्रोफेसर एस.पी.के. जेना द्वारा एसएलडी और उनकी को-मोर्बिडीटीज़ को डिकोड करने पर था; दूसरा सत्र दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर रेणु मालवीय द्वारा एसएलडी के न्यूरोलॉजिकल आधार पर था। इसके बाद के सत्र व्यावहारिक अनुप्रयोगों में बदल गए, जिसमें दिल्ली की बाल एवं वयस्क मनोवैज्ञानिक डॉ. आशिमा श्रीवास्तव ने निदान उपकरणों पर चर्चा की; मानव रचना विश्वविद्यालय की प्रो. राशि सिंह ने उच्च शिक्षा में प्रबंधन पर चर्चा की; और जेएमआई के डॉ. मोहम्मद फैजुल्लाह खान ने व्यावहारिक केस स्टडी प्रस्तुत की। समग्र दृष्टिकोण पर जोर देते हुए, पाठ्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. कार्तिकेय के साथ योग के चिकित्सीय लाभों और आरएमएल अस्पताल, लखनऊ की डॉ. सुधी कुलश्रेष्ठा के साथ मानसिक स्वास्थ्य में सीबीटी की भूमिका पर भी चर्चा की गई। इस कार्यक्रम को- डॉ. ऋषि वशिष्ठ, होली फैमिली अस्पताल, ओखला द्वारा मानव शरीर और विकलांगता; डॉ. धीरेंद्र, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, दिल्ली द्वारा एस.एल.डी. के लिए आई.सी.टी. का उपयोग; डॉ. मनोज कुमार बजाज, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा कानूनी प्रक्रियाएं; और डॉ. अतुल वर्मा, एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा, यूपी द्वारा तंत्रिका विज्ञान के दृष्टिकोण, जैसे विविध बहु-विषयक सत्रों द्वारा और समृद्ध किया गया । अंतिम दिन महत्वपूर्ण जीवन कौशल पर चर्चा की गई, जिसमें डॉ. अलका दत्त, दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा एस.एल.डी. वाले इंडीविजुअल्स के लिए विवाह और व्यावसायिक परामर्श पर समापन सत्र आयोजित किया गया।
इस पाठ्यक्रम का लक्ष्य अंतःविषय संवाद के लिए एक मजबूत मंच तैयार करना और भाग लेने वाले शिक्षकों को एसएलडी वाले शिक्षार्थियों के लिए एक समावेशी वातावरण को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक ज्ञान और उपकरणों से लैस करना था। कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों से प्राप्त अत्यधिक सकारात्मक प्रतिक्रिया और प्रशंसा भविष्य में इन कार्यक्रमों के आयोजन को जारी रखने की प्रासंगिकता और आवश्यकता को रेखांकित करती है।